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22 Feb 2020 · 1 min read

नवरंग समाए बिन होली

देखकर तेरी मेरी राहे ।
बहुत बेचैन ये निगाहें ।।
एक दूजे को हम चाहे ।
सूनी पड़ी कब से बाहें ।।
प्रेम का रिश्ता है अटूट ।
कैसे जाए हम अब रूठ ।।
बोल सकते न तुमसे झूठ ।
सब कुछ लिया तुमने लूट ।।
जबसे मिले हैं हम ।
दूर हुआ सारा तम ।।
बांट लिया हर गम ।
खुशी से है आँखे नम ।।
सुन तेरी मीठी बोली ।
प्रेम से भरती झोली ।
सूरत कितनी है भोली ।
नवरंग समाए बिन होली ।।

Language: Hindi
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