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23 Apr 2024 · 1 min read

नर्स और अध्यापक

दो जिस्म नहीं, एक चाहत थे
वो इक दूजे की आदत थे
ना लैला मजनू, हीर रांझा
वो नर्स और अध्यापक थे
एक कलम से लिखता नाम उसी का
एक स्टेथस्कोप से धड़कन सुनती
था प्यार असीमित दोनों का
वो रब की पाक इबादत थे
वो नर्स और अध्यापक थे
एक करता बच्चों सा प्यार
एक मरीजों सी देखभाल
अगर कोई तीजा बीच में आया
वो सबसे बड़ी क़यामत थे
वो नर्स और अध्यापक थे
…. भंडारी लोकेश

Language: Hindi
110 Views

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