नये गीत गायें
आओ आज कुछ नये गीत गायें,
गुनगुनाते हुए नव ताल पर झूमें।
कोई हो नहो एकल गीत गूंजेगे,
स्वर होंगे तो लय ताल बजेंगे।
संघर्ष से उदित नव सूर्य चमकेंगे,
रोशनी से नहाये जीवन राग गाऐंगे।
नित्य प्रति मन की वेदी पर कसेंगे,
भय को जीत कर खिलखिला हंंसेंगे।
संयम की सलेट पर सामर्थ्य लिखेंगे,
नव जागरण की दोपहर पर धूप सहेंगे।
तभी तो मुक्त कंठ के स्वर निकलेंगे,
और कहेंगे आओ आज नये गीत गाऐंं।