नया साल
साल नया है, हाल नया हो,
मुबारक लो!
लिहाजा गिनती बढ़ी है, खुमारी चढ़ी है,
दिन जो ग़ुजरे हैं, इंतजाम बस दूसरे हैं!
बेहतरी की चाह है, हौसलों की थाह है,
ख्वाबों की पतंग है, तूफानों से जंग है!
मुल्क अपना है, नींद अपनी हो,
मुबारक लो!
खटखटा रहा वक़्त है, पर्व की दस्तक है,
कई चीजों से मोह है, कुछेक की टोह है!
मंज़िलों का कद है, मुस्तैदी रही बेहद है,
भावी कई मुराद हैं, बीती यादें आबाद हैं!
हाथ साथ है, लकीरें साथ हों,
मुबारक लो!
लम्बा ये सफर है, सौगातों की चादर है,
बदलाव के आसार हैं, स्वप्निल कगार है!
मुफलिसी है जुआ है, अपनों की दुआ है,
नूतनता की धूम है, रंजिशें सारी गुम हैं!
हबीब क़रीब हैं, रक़ीब करीब हों,
मुबारक लो!
न्यू वाला साल हैप्पी हो!☺☺