नया साल मुबारक हो
उत्तर को और दक्षिण को और पश्चिम और पूर्वाईयों को,
नया साल मुबारक हो सेना के वीर सिपाहियों को।
सीमा पर वो डटे खड़े चाहे कितना भी अंधियारा हो,
प्राण तक भी गवा देते, हमे देने को उजियारा वो,
आजादी वो देना चाहे बन्धन ना उन्हें गवारा हो
मर मिटते है बस इसलिए कि भारत देश हमारा हो।
शत शत नमन है देश के उन सच्चे अनुयायियों को।
नया साल मुबारक हो सेना के वीर सिपाहियों को।।
हर वक़्त मंडराए मौत सिर पर ना नींद चैन की सोते है।
कर याद घर परिवार अपना वो बैठ अकेले रोते हैं।
हर होली दीवाली की खुशी वो बारूद में डुबोते हैं,
“मलिक” तू वो माँ-बाप देख जो अपना सहारा खोते है।
“सुषमा” का मस्तक नमन उन सीमा के हरजाइयों को,
नया साल मुबारक हो सेना के वीर सिपाहियों को।।