नया सवेरा
अब जागो जीवन में नया सवेरा है
आशाओं का मंजर सुनहरा है
विश्वास भरा मन कह रहा है
उम्मीदो से बाँधा पुल ठहरा है
चाहे लाख गमों का पहरा हो
अब मन में ठाना कुछ करना है
कुसुम जो सुर्य ताप पवन वेग सह पाते हैं
वर्षा के बाण सह तूफाँ से टकरा जाते हैं
संघर्षों में भी जो सदा मुस्काते हैं
वही लहरा कर शोभा उपवन की बढ़ाते हैं
नव उत्साह उमंग सदा जो रखते हैं
हिमगिरि से अटल बन कर रहते हैं
तटिनी सी धार बनकर जो बहते हैं
पथ में बाधाओं को पार लगाते हैं
नई राह बना कुछ कर जाते हैं
जीवन उजगार कर कुछ कहाते है
फिर यह जीवन तो एक गहना है
आज स्वयं से लेकर प्रण कहना है
अब जागो जीवन में नया सवेरा है
आशाओं का मंजर सुनहरा है
देखो चारों ओर उजियारा है
अब जागो जीवन में नया सवेरा है
नेहा
खैरथल अलवर (राजस्थान)