Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

“नया दौर”

“नया दौर”
एक नया दौर है एक नई इबारत लिखते हैं,
लड़कपन छोड़ एक नई जियारत लिखते हैं।

2 Likes · 2 Comments · 35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
आदमी की आदमी से दोस्ती तब तक ही सलामत रहती है,
आदमी की आदमी से दोस्ती तब तक ही सलामत रहती है,
Ajit Kumar "Karn"
हकीकत जानते हैं
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
****शीतल प्रभा****
****शीतल प्रभा****
Kavita Chouhan
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
सत्य कुमार प्रेमी
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
अगर हो हिंदी का देश में
अगर हो हिंदी का देश में
Dr Manju Saini
*आजादी और कर्तव्य*
*आजादी और कर्तव्य*
Dushyant Kumar
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
आने वाला कल
आने वाला कल
Dr. Upasana Pandey
गमले में पेंड़
गमले में पेंड़
Mohan Pandey
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 
Atul "Krishn"
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रात स्वप्न में दादी आई।
रात स्वप्न में दादी आई।
Vedha Singh
"बैलगाड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
जुनून
जुनून
अखिलेश 'अखिल'
दोस्तों!
दोस्तों!
*प्रणय प्रभात*
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
तुम में और हम में फर्क़ सिर्फ इतना है
shabina. Naaz
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
तुम्हारी आँख से जब आँख मिलती है मेरी जाना,
SURYA PRAKASH SHARMA
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
Ravi Prakash
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
Loading...