नया घर
सुनो…..
बहुत खुश नज़र आ रहे हो
नए घर में जो जा रहे हो…
पर ये क्या…..
ये क्या क्या तुमने बांध लिया
कैसा तुमने ये काम किया…
वो जो उस कोने में
बांध के रखी तुमने
अपनी गलतफहमियां….
और उधर कमरे में
बंधी पड़ी तुम्हारी बेचैनियां…
इनको यहीं छोड़ दो न
पड़ा रहने दो यहीं न…
नए घर में जा रहे हो
नए ढ़ंग से सजा रहे हो
तो क्यों बांध ली
ये अपनी पुरानी नाराज़गी
अब छोड़ भी दो न
अपनी ये दीवानगी….
तुम बांधो बस
वो पल जो बिताए
यहां हिलमिल कर…
वो खुशियां जो थी
तुमने बांटी मिलकर….
बाकी सब यहीं छोड़ो
पड़ा रहने दो
होने दो सब यहीं दफन….
Best wishes from the core of my heart
To my best friend who is shifting to own house
Seema Katoch
02/07/2020