*** ” नमामि देवी नर्मदे ” ***
।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।
*** ” नमामि देवी नर्मदे ” ***
भारत देश में गंगा ,यमुना ,कावेरी ,नर्मदा जैसी बहुत सी पवित्र नदियाँ बहती है लेकिन विभन्न जलों से परिपूर्ण जिसमें औषधि के गुण मौजूद है
इन पवित्र नदियों के जल पीने से लाभ मिलता है इसमें एंटी ऑक्सीडेंट बैक्टीरिया के गुण होते हैं ।
इनमें से खास तौर पर पवित्र जल गंगा का गंगाजल एवं नर्मदा नदी का जल औषधि का काम करता है ।
मध्यप्रदेश के जिले नरसिंहगढ़ गाँव में रघु यादव नाम का युवा शारीरिक रूप से कमजोर था उसे भूख ही नही लगती थी और हाथ पैरों में दर्द और कमजोरी महसूस होती थी उनके परिवार वाले कई जगह बड़े शहरों में ईलाज करवाया था लेकिन जब तक रघु यादव दवाइयाँ लेता था तब तक उसके शरीर का दर्द ठीक रहता था कुछ समय बाद फिर से हाथ पैरों में दर्द वैसा ही हो जाता था और खाना खाने की इच्छा बिल्कुल भी नही होती थी ।
एक दिन रघु यादव नर्मदा नदी के किनारे सैर करने गया वहाँ पर गाँव की एक बुजुर्ग महिला से मुलाकात हुई उसने अपना सारा हालचाल सुनाया और बतलाया कि बहुत ईलाज करवाने के बाद भी उसे आराम नही मिल रहा है डॉक्टर भी बीमारी को पकड़ नही पा रहे हैं।इस बात पर उस बुजुर्ग महिला ने बड़े आत्म विश्वास के साथ में कहा – आप बिल्कुल स्वस्थ हो जावोगे बस एक काम करो मेरे पास कुछ नर्मदा जल है इसे ले जाओ और सुबह – शाम दो चम्मच इसका सेवन करना तुम्हारी बीमारी ठीक हो जायेगी वह बुजुर्ग महिला घर के अंदर से एक बॉटल में नर्मदा जल लाकर दिया जिसे लेकर रघु घर चले आया और मन में सोचा कि चलो ये भी आजमा कर देख लेते हैं ।दूसरे दिन से रोज सुबह शाम नर्मदा जल पीने लगा था कुछ दिनों बाद सचमुच ही चमत्कार होने लगा उसे भूख लगने लगी अब सभी चीजें अच्छी लगने लगी थी और रघु यादव की सेहत में आंशिक रूप से सुधार होने लगा था।
कुछ दिनों बाद रघु फिर से नर्मदा नदी के किनारे बुजुर्ग महिला के पास गया और उनको बतलाया आपके इस नर्मदा जल पीने से बहुत फायदा हुआ है आज स्वस्थ महसूस कर रहा हूँ इस नर्मदा जल में तो कमाल का जादू है आप धन्य हैं जो मेरे लिए ईश्वर स्वरूप संजीवनी जल देकर मेरी बीमारी को ठीक कर दिया है उस बुजुर्ग महिला का बार बार धन्यवाद करते हुए जाने लगा तो उस महिला ने बताया कि अब नर्मदा जल की मात्रा बढ़ाकर पीना शुरू कर दो इस चमत्कारी उपाय को जारी रखना जिससे पूर्ण रूप से स्वस्थ तन्दरुस्त हो जावोगे ….! ! !
जब भी कभी हम बीमार पड़ते हैं तो विभिन्न तरह की औषधि लेते हैं कभी न कभी कोई भी उपचार शरीर में कारगर सिद्ध हो जाये लेकिन यह समय स्थान के परिवर्तन से भी निर्भर करता है। कुछ बीमारी में कई डॉक्टर के इलाजों के बाद भी कुछ असर नहीं होता है लेकिन कभी जरा सी कुछ बूंदें अमृत तुल्य नर्मदा जल पीने मात्र से ही उद्धार हो जाता है धार्मिक अनुष्ठान एवं ईश्वर प्रदत्त चमत्कारी उपाय से भी व्यक्ति स्वस्थ आरोग्य हो जाता है।
स्वरचित मौलिक रचना ??
*** शशिकला व्यास ***
#* भोपाल मध्यप्रदेश #*