नमन!
नमन! नमन! नमन!
वीर तुमको मेरा नमन
तुम्हारे बलिदान पर
रो रहा है यह गगन।
देश सुरक्षा की खातिर
न जाने तुमने क्या-क्या त्यागा होगा
भारत मां से प्यार की खातिर
न जाने तुमने क्या कुछ नहीं झेला होगा
हर मौसम, हर हालात में
जब-जब तुमने देश संभाला था।
तुम्हारी शौर्य गाथा सुनकर
हर बार गला भरा आता था।
गर्व था, है और रहेगा मुझको
तुम्हारे शौर्य और सामर्थ्य पर।
और नमन करता रहूंगा मैं तुम्हें
तुम्हारे सर्वोच्च बलिदान पर।
– श्रीयांश गुप्ता