नमन माँ
?
नमन माँ
(विजात छंद)
*******
नमन माँ शारदे आना ।
हमें छवि आप दिखलाना ।।
नयन प्यासे हमारे हैं ।
सभी हम सुत तुम्हारे हैं ।।
०
वरद कर शीश माँ धर दो ।
हृदय में भाव नव भर दो ।।
रचें हम छंद वंदन के ।
भगत हम नंद नंदन के ।।
०
सुनी वीणा नहीं कब से ।
हुए हैं दूर माँ जब से ।।
बुला लो पास माँ अपने ।
करो साकार माँ सपने ।।
०
तुम्हारे गीत माँ गायें ।
तुम्हारी माँ शरण आयें ।।
उठा उर से लगा लो माँ ।
पड़े सोये जगा लो माँ ।।
०
न पथ से हम भटक जायें ।
तुम्हारा धाम माँ पायें ।।
तजें हम प्राण जब माता ।
जुड़े बस आप से नाता ।।
०
राधे…राधे…!
?
महेश जैन ‘ज्योति’
मथुरा ।
****
???