Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2019 · 2 min read

नमन तुमको

आओ हम उस वीर धरा का
विश्व से परिचय कराएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।
अविच्छिन्न था देश हमारा
सकल विश्व में था विख्यात।
उत्तुंग हिमालय किरीट सजे
रहता जिसके शीश दिन-रात।
उस पराक्रमी धरती पर हम
पुनःपुनः ये शीश झुकाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

शौर्य था जिस देश का दीपक
विजय थी वर्तिका जिसकी।
कोई तिमिर न रोक सका
दमकती हस्ती को उसकी।
दैदीप्यमान इस प्रकाश से
सृष्टि अखिल जगमगाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

भारत के वीर बांकुरों की
सुनते थे शौर्य मयी गाथा।
वे सुभट वीर रण आंगन में
भारत माँ को टेकें माथा।
थर्राता था काल भी जिनसे
डरती थीं जिनसे बलाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

भगतसिंह चन्द्र शेखर सुभाष
किस-किस का नाम गिनाऊं मैं।
रानी झांसी आजाद शिवाजी
सबको शीश नवाऊं मैं।
इन शूरवीरों के पराक्रम
के हर दिन गुण हम गाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

शत्रु को धूल चटाते थे
ठोकर में उनके था दुश्मन।
इक-इक को चुन-चुन मसल-मसल
करते थे दुश्मन का मर्दन।
दहाड़ कर सिंह गर्जना से
शत्रु के छक्के छुडाए।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

आजादी के मतवालों ने
न देखी बरखा न आंधी।
सर बांध कफन चलते थे
थी मौत हथेली पर बांधी।
डर किसे यहां था मरने का
मृत्यु से थे नैन लडाए।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

गोरे फिरंगियों को भी जिन
वीरों ने धूल चटाई थी।
उनकी ही प्राण आहुतियां से
हमने स्वतंत्रता पाई थी।
आजादी की अनमोल धरोहर
उनके हाथों ही हम पाए।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

आज स्वतंत्र भारत में उनसे
न हम सब यूँ अनजान बनें।
उनको शत्-शत् हम नमन करें
हम सबका वे अभिमान बनें।
भारत माता के आँचल में
ये रत्न अमोल है जड़ाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

उत्कीर्ण हो उनका यशोगान
हर भारतवासी के उर पर।
हम नाज करें उन वीरों पर
दे गये स्वातन्त्र्य मुकुट सिर पर।
आगे अमूल्य इस सौगात के
व्यर्थ सकल धन सम्पदाएं।
गौरवशाली भारत वैभव का
परचम फिर लहराएं।।

रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
480 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक समय बेकार पड़ा था
एक समय बेकार पड़ा था
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
मैं तो महज एक ख्वाब हूँ
VINOD CHAUHAN
गीत..
गीत..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
औरतें
औरतें
Kanchan Khanna
खुद पर भी यकीं,हम पर थोड़ा एतबार रख।
खुद पर भी यकीं,हम पर थोड़ा एतबार रख।
पूर्वार्थ
विकृतियों की गंध
विकृतियों की गंध
Kaushal Kishor Bhatt
एक शेर
एक शेर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
उच्च पदों पर आसीन
उच्च पदों पर आसीन
Dr.Rashmi Mishra
■ और क्या चाहिए...?
■ और क्या चाहिए...?
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे बिना
तेरे बिना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संतोष धन
संतोष धन
Sanjay ' शून्य'
यदि हर कोई आपसे खुश है,
यदि हर कोई आपसे खुश है,
नेताम आर सी
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
💐प्रेम कौतुक-473💐
💐प्रेम कौतुक-473💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2721.*पूर्णिका*
2721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मित्रतापूर्ण कीजिए,
मित्रतापूर्ण कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्रिसमस से नये साल तक धूम
क्रिसमस से नये साल तक धूम
Neeraj Agarwal
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
साथ हो एक मगर खूबसूरत तो
ओनिका सेतिया 'अनु '
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
Sukoon
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
Rajesh vyas
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
Bodhisatva kastooriya
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
बनें सब आत्मनिर्भर तो, नहीं कोई कमी होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...