नभ की सैर
आओ बच्चों करो न देर ।
चलते करने नभ की सैर ।।
देखो टिमटिम करते तारे ।
लग रहे है कितने प्यारे ।।
चमक रहे है चंदा मामा ।
सबके मन भाते चंदा मामा ।।
वो देखो उत्तर दिशा का तारा ।
ध्रुव अचल अटल सत्य सहारा ।।
देखो लाल तारा चमकीला ।
मंगल ग्रह है ऐसा अकेला ।।
सबसे तेज चमकता तारा ।
शुक्र ग्रह है करें दूर अंधेरा ।।
सात तारो का समूह देखो ।
सप्त ऋषि कहते है सीखो ।।
नभ में अनगिनत है तारे ।
सब दूर दूर है कितने सारे ।।
सूरज से भी बड़े होते तारे ।
क्योंकि दूर हमसे है वो सारे ।।
देखो असंख्य तारो का समूह ।
कहते आकाश गंगा का व्यूह ।।
जो जन धरा से छूट जाते ।
वो नभ में तारे बन जाते ।।
आओ बच्चों करो न देर ।
चलते करने नभ की सैर ।।
।।जेपीएल।।