Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2017 · 1 min read

*नब वर्ष तेरा अभिनमदन*

आये हो नव वर्ष ख़ुशी हो ,करूँ मैं तेरा अभिनंदन।
खड़ा हुआ हूँ लिए द्वार पे ,सजा थाल रोली चन्दन।।
सम्मुख आओ बढ़कर थोड़ा
माथे तिलक लगाऊं ।
नतमस्तक हो चरण छुंउँ मैं
पुलकित हो लहराउँ ।।
तोड़ो जग के फिर तुम आके, सींते हुए बाधा बन्धन।।
वेरुखियों के मरु स्थल में
उगाओ क्यारियां हरियाली ।
झूम जहां कर भृमर जैसी
जोग पियें मधु की प्याली ।
मुरझाई डालों पर तुम , आ पराग बिखेरो मधुनन्दन ।।
सुखी करो संसार मनाएं
लोग घर में मिल दिवाली
दूर दूर तक पार क्षितिज के
खिले घरों में रवि लाली ।
आंन जगाओ अलख निरंजन,सुखी रहें सब जन जन।।
सोई हुई सुप्त व्यथा को
ढककर और सुला दो ।
दुर्गंनधाती सभी दिशा को
मधु मकरन्द पिला दो ।।
बिखरा दो चहुँ दिशि अम्रत सम,कर करके फिर मंथन ।
अन्धकार में दिखे ना कोई
डूब स्याही में कोई कोना ।
कर दो चारो ओर उजाला
कहीं सुनाई दे ना रोना ।
हुंकारों हर जन में आके , दूर गमों को कर के गुंजन।।

Language: Hindi
1 Like · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
औरतें नदी की तरह होतीं हैं। दो किनारों के बीच बहतीं हुईं। कि
पूर्वार्थ
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
"खबर"
Dr. Kishan tandon kranti
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
gurudeenverma198
मन भर बोझ हो मन पर
मन भर बोझ हो मन पर
Atul "Krishn"
कौन कहता है गर्मी पड़ रही है
कौन कहता है गर्मी पड़ रही है
Shweta Soni
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
सिद्धार्थ
सिद्धार्थ "बुद्ध" हुए
ruby kumari
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
Anil Mishra Prahari
अवसर तलाश करते हैं
अवसर तलाश करते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
जहन के भीतर///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
जहन के भीतर///स्वतन्त्र ललिता मन्नू
स्वतंत्र ललिता मन्नू
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
मायावी लोक
मायावी लोक
Dr. Rajeev Jain
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
■निरुत्तर प्रदेश में■
■निरुत्तर प्रदेश में■
*प्रणय*
3424⚘ *पूर्णिका* ⚘
3424⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
जो सिर्फ़ दिल की सुनते हैं
Sonam Puneet Dubey
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
फ़ासला बे'सबब नहीं आया ,
Dr fauzia Naseem shad
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
Loading...