नफरत रखाना भी अच्छा नहीं है ।
जीवन है बहुमूल्य समझो इसे तुम।
इकपल गवाना भी अच्छा नही है।
भुला दो किया जो व्यवहार उसने।
नफरत रखाना भी अच्छा नही है।
सहयोग न कर सको तो भी क्या है।
पर पाप कमाना भी अच्छा नही है।
पौरुष को त्यागा बने क्यों अभागा।
समय यूँ गवाना भी अच्छा नही है।
बदल दो जो बाधा बनी है रुकावट।
यूँ आशू बहाना भी अच्छा नही है।
समझता है सब कुछ किये जो परेशां।
विन्ध्य कहे कोई बच्चा नही है।
#विन्ध्यप्रकाशमिश्रविप्र