*** नफरत मिटा दो……
संपन्न हो ये जग सारा
खुशियों का हो यहां बसेरा
दुख का बादल यहां ना छाए
सुख का पवन हर दिशा से आए…..
प्रेम से हो यहां भाईचारा….
ओझल हो जाए नफरत की माया…
संपन्न हो जाए ये जग सारा
खुशियों का हो यहां बसेरा……
……….
खुशियों का हो यहां बसेरा….*
(बिमल रजक)