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26 Feb 2022 · 2 min read

नन्ही सी जान ❣️

क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान…..
जो थी बेबस और पूरी तरह अनजान

कि क्या उसका कसूर था
अभी तो निर्माण भी न भरपूर था

फ़िर क्यों जन्म से पहले ही मिला उसे श्मशान
क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……

ये सोच सोच मैं हो गया परेशान
कि क्या एकदम धूर्त हो चुका ये जहान

पहले उसे लक्ष्मी और सरस्वती बताते हैं
देवी की तरह सम्मान दिखाते हैं

फ़िर ऐसी करतूत के समय कहा जाता है ज्ञान
क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……

कुमकुम और चन्दन उसके माथे पर लेपते हो
फ़िर भी बेटी को हेय नजरों से देखते हो

मुह मे हाला दिमाग में ज्वाला और मन भीतर से काला है
अनर्थ अनर्थ अनर्थ तुमने अनर्थ कर डाला है

और जिस बेटे की चाह में ये कृत्य किया है
कोमल कली के साथ साथ माँ को भी दर्द दिया है

क्या वो बेटा बड़ा होकर बनेगा आपका अभिमान
क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……

अरे वो तो इस संसार में आकर तुम्हारा संसार बदलती
सात पुश्तै सुधर जाती ऐसे नक्शे कदम पर चलती

बेटा तो एक पल को सिर झुका भी देता
जाने अनजाने तुम्हारा दिल दुखा भी देता

पर बेटी न कम होने देती अपने पापा की शान
क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……..

नहीं पसन्द तो सम्हालते अपनी बेकाबु तरुणाई को
और लाते ही नहीं गर्भ में उस दिव्य परछाईं को

पर आ जाती तो बेटी बनती, बहू बनती और बनती बहना छोटी
घर की रौनक बढ़ाती और देती दो वक्त की रोटी

पर कुछ होने से पहले तुमने उसका कर दिया अवसान
क्यों पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……..

खैर तुम्हारी संकुचित मनीषा को देख रहा है भगवान
कि कितनी मर रही इंसानियत और गिर गया इंसान

पेट में ही मार दी गई वो नन्ही सी जान……..

Language: Hindi
346 Views
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