Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

नन्ही मिष्ठी

✍️नन्ही मिष्ठी
मिष्ठी को चाहिए👸
मम्मा की नरम गोद
डैडा के कन्धे के राजसी ठाठ
दादू संग सैर सुहानी
और दादी से रोज नई कहानी
मिष्ठी को चाहिए👸
तारों भरा आकाश जमीं पर
परियां उतरे आंगन
जहां खेले छुपन छुपाई
रोज मनाए जन्मदिन मनभावन
मिष्ठी को चाहिए👸
चॉकलेट्स के पहाड़
जहां से निकले रस भरी नदिया
लड्डू, पूरी, पास्ता भरी नाव
गुब्बारों वाली बगिया
मिष्ठी को चाहिए👸
सब कुछ अभ्भी के अभ्भी
दिन हो जाएं खूब बड़े,
रात हो जाए छोटी
खूब खेलूं,सब सो जाएं तब भी
मिष्ठी को चाहिए👸
सब कुछ जो पसंद है वैसा
नहीं तो उठा लेगी सारा घर सिर पर
और फिर मुश्किल होगा
इस नन्ही कायनात को संभालना
बच्चे जब तक नासमझ है
तब तक वे समर्थ हैं
वे ताकत रखने रखते हैं
दुनिया बदल देने की,
और ये ताकत बनी रहनी चाहिए।
__ मनु वाशिष्ठ

2 Likes · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manu Vashistha
View all
You may also like:
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
देख इंसान कहाँ खड़ा है तू
Adha Deshwal
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
नया साल लेके आए
नया साल लेके आए
Dr fauzia Naseem shad
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पिता का पेंसन
पिता का पेंसन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
DrLakshman Jha Parimal
********** आजादी के दोहे ************
********** आजादी के दोहे ************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
Anil Mishra Prahari
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
Dr.sima
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
मजदूर है हम
मजदूर है हम
Dinesh Kumar Gangwar
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
* चान्दनी में मन *
* चान्दनी में मन *
surenderpal vaidya
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी,
Rituraj shivem verma
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*प्रणय*
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
पूर्वार्थ
वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
4576.*पूर्णिका*
4576.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
Loading...