नदी
दूर कहीं दूर,
जा सोचा मैंने,
शांति चाहिए,
खोजूँ उसे,
कुछ दूर इस शहर से चलूँ,
शहर के पार,
था एक सुनसान जंगल,
बहती थी इक शांत नदी,
नदी किनारे बैठ,
पाँव डाल नदी में,
नदी को देखा,
नदी में खेला,
नदी में नहाया,
की अठखेलियाँ,
शीतलता का अनुभव पाया,
सारा दिन नदी के क़रीब,
रह कर भी,
दिमाग़ में शहर रहा समाया,
नदी के साथ रह कर भी,
सब याद रहा,
बस नदी को छोड़ कर,
सब याद रहा……….