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17 May 2021 · 1 min read

नदी के किनारे

एक तमन्ना थी की मैं दिखा सकूँ तुमको –
एक नदी और उसके दो किनारों को
जिनका कभी मिलन नहीं होता
पर नदी का अस्तित्व भी बिना उनके नहीं होता ,
हम भी किसी नदी के दो किनारे हैं
हम भी कभी मिल नहीं सकते
पर हमसे एक परिवार का अस्तित्व है
और उस अस्तित्व के लिए हमें युगों – युगों तक
दूरियों को साथ ले कर चलना पड़ेगा
और साथ ले के चलना पड़ेगा एक काश को
की किनारे कभी तो मिल जायेंगे
और हम भी कभी मिल जायेंगे
मिल के बचा लेंगे निज परिवार के अस्तित्व को |

द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’

Language: Hindi
268 Views
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