*नज़्म*
नज़्म
वंदन करो श्री कृष्ण का जिन्हें रीति चलाई।
आदर करो बहिन का येप्रथा ऐसी बनाई।।
जिस भाई न बहिना मन में उसके चैन।
किस्से कहें कि राखी बांधों मेरी वैन।।
द्रोपदी ने साड़ी फाड़कर उंगली पे बांधके।
दिया कृष्ण ने द्रोपदी को वर वस्त्र आनके।।
बहिन भाई का पवित्र रिश्ता बना दिया।
त्योहार रक्षाबंधन जग जाहिर कर दिया।।
जब टेरें बहिना तुम्हें न देर लगाना।
चाहे जमाना रोकें कभी नहीं जाना।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•