नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
हसरतें फिर से सर उठाने लगीं।।
दिल मचलने लगा है जाने क्यूँ।
धड़कने फिर से गुनगुनाने लगीं।।
“कश्यप”
नज़र मिला के क्या नजरें झुका लिया तूने।
हसरतें फिर से सर उठाने लगीं।।
दिल मचलने लगा है जाने क्यूँ।
धड़कने फिर से गुनगुनाने लगीं।।
“कश्यप”