नज़र किसकी लगी
ये नज़र किसकी लगी
कि सारे नज़ारे बदल गए…
हवा ने रुख जो बदला
सारे सितारे बदल गए…
के कल तक था
हमारा आशियाँ दरगाह जिनका…
वो आज
महलों में बैठे हैं
और हमारे घर तक बदल गए…
खबर किसको न थी
कि एक दिन वो लौट जाएँगे…
दिल पर हमारे
असर वो गहरा छोड़ जाएँगे…
पर यकीं नही होता
कि बेवफाई की यूँ इम्तिहा होगी …
वो पहले जख्म भी देंगे
फिर मुस्कुराकर…तड़पता छोड़ जाएँगे ।
°°°रितु