नज़रिया
नज़रिया
परखो तो कोई अपना नहीं,
समझो तो कोई पराया नहीं।
फकत दिल से काम लीजिए,
सूरज का होता कोई साया नहीं।
बस नजरिये का ही तो फर्क है,
कोई अपना ना कोई पराया नहीं।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
नज़रिया
परखो तो कोई अपना नहीं,
समझो तो कोई पराया नहीं।
फकत दिल से काम लीजिए,
सूरज का होता कोई साया नहीं।
बस नजरिये का ही तो फर्क है,
कोई अपना ना कोई पराया नहीं।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति