Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2022 · 2 min read

नगर विकास राज्यमंत्री श्री महेश गुप्ता की सराहनीय सक्रियता

नगर विकास राज्यमंत्री श्री महेश गुप्ता की सराहनीय सक्रियता
____________________________
आपकी सक्रियता के कारण रामपुर का वातावरण राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत होता जा रहा है। नगर की प्रायः सभी गतिविधियों में आपकी उपस्थिति रहती है। घर- घर जाकर आप नगर के सम्मानित व्यक्तियों के साथ बैठकर चर्चा का आयोजन करते हैं तथा समाज में किस प्रकार की समस्याएं चल रही हैं, उनको समझने तथा उनके निराकरण के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।
इसी श्रंखला में नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी तथा सर्राफा व्यवसायी श्री परितोष चाँदीवाला के निवास स्थान कूँचा परमेश्वरी दास, बाजार सर्राफा में दिनांक 11 अक्टूबर 2019 शनिवार को प्रातः 9:30 पर आपकी बैठक हुई ।काफी संख्या में व्यापारी तथा चिंतनशील व्यक्ति उपस्थित हुए। चर्चा में अनौपचारिक रूप से आपसी संवाद स्थापित हुआ । सबकी आत्मीयता महेश गुप्ता जी से बढ़ी।
मैं मुरादाबाद में था। कार्यक्रम में जब मंत्री महोदय पधार चुके थे ,मैं उसके कुछ मिनट बाद पहुँचा । महेश गुप्ता जी ने देखते ही पहचान लिया । सबसे कहने लगे कि “भाई साहब का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयदशमी उत्सव में अध्यक्षीय संबोधन था । मैं तो समझ रहा था कि अध्यक्षता इस प्रकार के कार्यक्रमों की करने वाले लोग केवल “आपका धन्यवाद ” कहकर बैठ जाएंगे, लेकिन भाई साहब ने तो बड़ा सुंदर संबोधन दिया …मन प्रसन्न हो गया।”…. फिर मुस्कुरा कर यह भी कहा कि मैं केवल आपके मुँह के सामने आपकी प्रशंसा नहीं कर रहा हूं बल्कि आपके पीछे भी आपकी प्रशंसा करूंगा।
मैंने मंत्री जी को सराहना हेतु धन्यवाद दिया । वास्तव में विजयदशमी उत्सव में संघ के सामान्य स्वयंसेवक की भाँति पंक्ति में महेश गुप्ता जी भी पीला कुर्ता पहनकर सामान्य रूप से बैठे हुए थे। पूरे कार्यक्रम में कहीं भी ऐसा आभास नहीं हुआ कि हमारे मध्य कोई मंत्री महोदय विराजमान हैं।संघ की यही तो विशेषता है कि उसका स्वयंसेवक अपने आप को एक सामान्य व्यक्ति के तौर पर ग्रहण करता है तथा अपना श्रेष्ठतम योगदान देने के लिए सदैव आगे रहता है।
श्री परितोष चाँदीवाला जी के निवास पर उपस्थित महानुभावों ने मंत्री महोदय के सामने रामपुर की कुछ समस्याएं रखीं।जिसमें शमशान घाट की ओर जाने वाली सड़क का जीर्णोद्धार करना प्रमुख था। इसके अलावा सर्राफा बाजार में जच्चा बच्चा सेंटर के भीतर शौचालय बनने के बाद भी कई वर्षों से अभी तक चालू नहीं हुआ है, यह समस्या भी रखी गई । सर्राफा बाजार की सड़क खुद अपने आप में उपेक्षित पड़ी हुई है, इस पीड़ा को भी बहुतों ने सामने रखा। मंत्री महोदय ने सब की बातों को ध्यान से सुना। समस्या की गंभीरता को महसूस किया और आश्वासन दिया कि निश्चित रूप से समस्या हल की जाएगी। इसी अवसर पर दर्जा मंत्री श्री सूर्य प्रकाश पाल भी उपस्थित थे ।आपने उसी समय टेलीफोन करके समस्या के निदान के लिए कार्य आरंभ कर दिया तथा मंत्री महोदय की बातचीत भी कराई ।तात्पर्य यह कि समाज के प्रश्नों को हल करने की दिशा में इस प्रकार की अनौपचारिक बैठकें काफी प्रभावी रहती हैं और सरकार का एक अच्छा संदेश समाज में सब के पास जाता है।
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1

Language: Hindi
229 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
sushil yadav
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
यादों में
यादों में
Shweta Soni
दिव्यांग हूँ तो क्या
दिव्यांग हूँ तो क्या
Sudhir srivastava
उलझी  उलझी  सी रहे , यहाँ  वक़्त की डोर
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
Dr Archana Gupta
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
पहली किताब या पहली मुहब्बत
पहली किताब या पहली मुहब्बत
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
Atul "Krishn"
संस्कारी लड़की
संस्कारी लड़की
Dr.Priya Soni Khare
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3327.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बीते हुए दिन
बीते हुए दिन
rubichetanshukla 781
sp126 कहते हैं हम
sp126 कहते हैं हम
Manoj Shrivastava
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
किताबों वाले दिन
किताबों वाले दिन
Kanchan Khanna
इतनी शिद्दत से प्यार कौन करे
इतनी शिद्दत से प्यार कौन करे
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
Shikha Mishra
मेरा गाँव
मेरा गाँव
श्रीहर्ष आचार्य
जीवन संगीत
जीवन संगीत
Shyam Sundar Subramanian
..
..
*प्रणय*
मोहब्बत कि बाते
मोहब्बत कि बाते
Rituraj shivem verma
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
योग करें निरोग रहें
योग करें निरोग रहें
Shashi kala vyas
संस्कारों के बीज
संस्कारों के बीज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
Satish Srijan
कुछ नहीं चाहिए
कुछ नहीं चाहिए
राधेश्याम "रागी"
कैलेण्डर ...
कैलेण्डर ...
sushil sarna
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...