Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2020 · 1 min read

नकाब में ही नकाब इतने

कभी न देखे है ख़्वाब इतने
नकाब में ही नकाब इतने

थे जाने को जो शिताब इतने
है दर्द भी क्या बे हिसाब इतने

है दर्द के क्या सवाल तेरे
जो तन्हा तन्हा जवाब इतने

छुपी हुई तन्हाई है मेरी
है ज़िन्दगी में जो बाब इतने

है मेरे मुश्क़िल हालात तो क्या
है ज़िन्दके निसाब इतने

हुई ये रौशन ज़मीन दिल की
ज़मी में है जो गुलाब इतने

लकीर में क्या पता लिखा हो
है ज़िन्दगी में बद ख़्वाब इतने

यूँ ख़ौफ़-परवरदिगार दिल में
है आशियाँ में हिजाब इतने

ज़ुबाँ को शीरीं सा कर के देखो
ख़ुदा भी देगा सवाब इतने

-आकिब जावेद

2 Likes · 2 Comments · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
Good morning
Good morning
*प्रणय*
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
Ashok deep
3093.*पूर्णिका*
3093.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त नहीं है
वक्त नहीं है
VINOD CHAUHAN
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
*कहर  है हीरा*
*कहर है हीरा*
Kshma Urmila
मोहब्बत।
मोहब्बत।
Taj Mohammad
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
Ajit Kumar "Karn"
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
"" *समय धारा* ""
सुनीलानंद महंत
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
क़दम-क़दम पे मुसीबत है फिर भी चलना है
क़दम-क़दम पे मुसीबत है फिर भी चलना है
पूर्वार्थ
जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
हमेशा जागते रहना
हमेशा जागते रहना
surenderpal vaidya
यादों में
यादों में
Shweta Soni
वो और राजनीति
वो और राजनीति
Sanjay ' शून्य'
"सरताज"
Dr. Kishan tandon kranti
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
हे दिनकर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मुझे भी अब उनकी फ़िक्र रहती है,
मुझे भी अब उनकी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज का नेता
आज का नेता
Shyam Sundar Subramanian
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
Loading...