नए अल्फाज
इस जमाने से दूर आ नए अल्फाज लिखूं
प्रेम ही जीवन है यही हर बार लिखूं
तेरी मुस्कुराहट से उजाला है मेरा
फिर क्यूं ना तुझे जीवन का खूबसूरत साथ लिखूं
इस जमाने से दूर आ नए…..
तू प्रेम से लिखी पाती मैं शब्दो का सवेरा हूं
तेरे होंठो की मुस्कुराहट का स्थायी सा बसेरा हूं
प्रेम के ये जज्बात क्यूं ना शब्दो के साथ लिखूं
इस जमाने से दूर आ नए अल्फाज लिखूं
Akash Rc Sharma ✍️, ©️