नई सुबह रोज
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नई सुबह रोज आती है-
धरा पर सूर्य की किरण!
दे जाती संदेश! हर जीव को-
जल्दी भोर में उठ! आलस्य छोड़।
नित्य कर्म कर, फल की चिंता छोड़।।
नई सुबह रोज आती है-
धरा पर सूर्य की किरण!
दे जाती संदेश- हे मनुज!
तु कभी झूठ मत बोल।
तु जग में सबसे प्रेम से बोल!
अच्छें कर्म कर, सदा सत्य बोल।।
हे मनुज! ये तेरा जीवन है अनमोल!
तु! आया है जग में किसी मकसद से।
तु! ईश्वर की आज्ञा का पालन कर–
तु! राहें मत भटक अपने मकसद से।।
नई सुबह रोज आती है-
धरा पर सूर्य की किरण!
दे जाती संदेश………….
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल==
====*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*====
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