नंदकिशोर
#विधा – – – #राधिका_छन्द
? विषय – – – – ऐच्छिक
?????????
है कैसा माखनचोर , यशोदा तेरा।
है नयना प्यासी आज, दरश बिन मोरा।
दर्शन दो मोहे आज, अरे ओ लल्ला।
क्यों ओझल मुझसे आज,नन्द गोपाला।
?????????
सब मेरे मन की बात, मोहना जाने।
इस जीवन की पतवार , उसे हम माने।
कर बेड़ा मेरा पार , सुदर्शन धारी।
तू सबका पालनहार, अहो गिरधारी।
?????????
सब कहते नंदकिशोर , तुझे गोपाला।
कुछ कहते माखनचोर, तुझे वो लल्ला।
है नैया अब मजधार, अहो गिरधारी।
तुम कर दो बेड़ा पार, सुनो बनवारी।
?????????
✍✍पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार