Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2021 · 1 min read

धोखा क्यूं करें हम

इश्क़ में किसी के दिल को मुब्तिला क्यूं करें हम
यह ला इलाज दर्द सीने में भला पैदा क्यूं करें हम

हम जानते हैं दिल दे कर सिर्फ अजीयतें ही मिलेंगी
जानबूझकर फिर घाटे का यह सौदा क्यूं करें हम

मेरे हाथ लकीरों में तेरा नाम कहीं लिखा ही नहीं है
अपनी हथेली पे तेरा नाम फिर लिखा क्यूं करें हम

उस बेवफ़ा की कसमों और वादों पे ऐतबार कर के
खुद अपने साथ इस तरह धोखा क्यूं करें हम

348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
Shashi kala vyas
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
कवियों में सबसे महान कार्य तुलसी का (घनाक्षरी)
कवियों में सबसे महान कार्य तुलसी का (घनाक्षरी)
Ravi Prakash
पिता
पिता
Harendra Kumar
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
Sadhavi Sonarkar
✍️फिर वही आ गये...
✍️फिर वही आ गये...
'अशांत' शेखर
हमसाया
हमसाया
Manisha Manjari
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
"जीवन का संघर्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आदिवासी
आदिवासी
Shekhar Chandra Mitra
???
???
*Author प्रणय प्रभात*
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
प्रेमदास वसु सुरेखा
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
Dr. Man Mohan Krishna
2727.*पूर्णिका*
2727.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
Rj Anand Prajapati
फितरत
फितरत
लक्ष्मी सिंह
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
💐प्रेम कौतुक-341💐
💐प्रेम कौतुक-341💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सवाल जवाब
सवाल जवाब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अक्सर सच्ची महोब्बत,
अक्सर सच्ची महोब्बत,
शेखर सिंह
हवाएँ
हवाएँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
ख्याल नहीं थे उम्दा हमारे, इसलिए हालत ऐसी हुई
gurudeenverma198
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
Loading...