धुन
धुन
वक्त की धुन सुनती है
अक्सर देर से……
जब चिड़िया चुग लेती है खेत
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वक्त की धुन थिरकती है
थिरकाती है नेता जनता सबको
वक्त पर नचाती है।
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वक्त की धुन ने ऐसा हश्र किया
कोई निखर गया
तो कोई बिखर गया
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वक्त की धुन बहे बयार बन
प्यार और सब्र से सुन
नित नव राह चुन
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वक्त की धुन निरंतर बदलती है
कभी सुख तो कभी
दुःख में ढलती है
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वक्त की धुन में बड़ा दमखम
पलट दे बदल दे
जीवन सरगम
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वक्त की धुन जवां हुंकारी
हंसती पनिहारी
शिशु किलकारी
संगीता बैनीवाल