धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
धुएँ से धुआँ हुई है,अब जिंदगी ,
तम्बाकू से बर्बाद हुई है जिंदगी |
बचना चाहते हो अगर तुम इससे ,
तम्बाकू छोड़ो बचा लो ये जिंदगी ||
धुआँ राख़ कर रहा है ये जिंदगी ,
मिला रहा है ये ख़ाक में जिंदगी |
बंद करो उड़ाना तुम इस धुएँ को ,
वरना ख़त्म हो जायेगी ये जिंदगी ||
धुएँ से धुँधली हो रही है ये जिंदगी ,
अपने आग़ोश में ले रहा है जिंदगी |
मौत को बुला ले किसी को पता नहीं ,
धुएँ से बचा लो अपनी ये जिंदगी ||
जिसने दिया तम्बाकू को निमंत्रण ,
उसको आ गया मौत का निमत्रण |
कैसे बचोगे तुम इस निमंत्रण से।
बस कर लो तम्बाकू पर नियत्रण ||
धुएँ को इस धरा से अब हटाना है ,
धुएँ से विश्व को मुक्त अब कराना है |
जब तक धुआँ रहेगा इस भू पर ,
तब तक मृत्यु को निकट आना है ||
धुएं से धूं धूं धधक रही ये जिंदगी,
धुएं से बचाए कैसे हम ये जिंदगी।
सरकार के सारे प्रयास है विफल ,
धुआं बन चुकी हमारी ये जिंदगी।।
धुएं से धुंधली हो गई ये जिंदगी,
कैसे साफ करे हम ये जिंदगी।
काम करने होगे सड़को पे वाहन,
तभी बचेगी धुएं से हमारी जिंदगी।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम