धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/35b5ce3ee1a2b6c7ac6f6b2761a20227_cc28c29451c3557bf68fb953b43f1738_600.jpg)
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा,
जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!!
ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की,
ना हमको कोई तलब होगी किसी मयकशी की!!
ना हम तुमको ढूँढने आएँगे नवाज़िश की शामों में,
ना तुमको कोई आरज़ू होगी हमारी दिल-कशी की!!
ना हमको इंतज़ार होगा बजती फ़ोन की घंटियों का,
ना तुमको बेवजह ही उन बढ़ती हुई धड़कनों की!!
दौर है ये एक दिन थम जाएगा उमड़ती मोहब्बतों का,
ना बहते अश्कों का, ना कहकशों का सैलाब आएगा!!
हम यूँ ही खामोशियों को इस तरह ओढ़ लेंगे एक दिन,
तुम यूँ ही मेरा ग़ुरूर समझ एक दिन चुप हो जाओगे!!