धिक्कार
**पाक तुझे धिक्कार है**
ऐ पाक ! तुझे धिक्कार सुनो,
ऐ गुनहगार! इस बार सुनो।
कट्टरता पहचान तुम्हारी,
क्यों करते हो तुम रार सुनो।।
जितनी बार भिड़े तुम हमसे,
हमने तुमको धूल चटाया।
पी.ओ.के के सौदागर तुम,
अवसरघाती चीन पटाया।।
जितना चाहे पापड़ बेलो,
गलने देंगे नहीं दाल हम।
जो भी चाल चलो तुम हमसे,
चलने देंगे नहीं चाल हम।।
कल भी था कश्मीर हमारा,
आज भी है अपना कश्मीर।
ऑंख उठा कर जो देखा तो,
देंगे तेरा कलेजा चीर।।
हम भारत के वीर सिपाही,
भारत की जय दुहराते हैं ।
हर भारतवासी का सम्प्रभु,
ध्वजा तिरंगा लहराते हैं।।
**माया शर्मा, पंचदेवरी,गोपालगंज (बिहार)**