” धर्म “
” धर्म ”
स्वाभिमान सबसे बड़ा धर्म है।
हर चीज की हद है।
और, जो हद पार करके
आपके स्वाभिमान को ललकारे तो
वो क्षमा के पात्र नहीं हो सकते।
” धर्म ”
स्वाभिमान सबसे बड़ा धर्म है।
हर चीज की हद है।
और, जो हद पार करके
आपके स्वाभिमान को ललकारे तो
वो क्षमा के पात्र नहीं हो सकते।