धर्म में पंडे, राजनीति में गुंडे जनता को भरमावें
सत शांति न दया क्षमा,सत कर्मों से हीन
पेल रहे हैं प़बचन,मीठे और नमकीन
दाड़ी तिलक लगाय के, लिया गेरुआ पहन
इधर उधर की जोड़ कर,कथा लगे हैं कहन
कथा लगे हैं कहन, धर्म का मर्म बतावें
करें ये डिस्को डांस, नैना मटकावें
काम नहीं अनुभव नहीं, नहीं बिषय का ज्ञान
राजनीति में बन गए, पंडित बड़े महान
पंडित बड़े महान,नित नए गाल बजावें
बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी,इनको शीश नवावें
सेवा और त्याग का पाठ पढ़ा,मेवा और माल कमावें
धर्म में पंडे राज में गुंडे, जनता को भरमावें