धर्म के ठेकेदार
इतिहास के पन्नों में, मिलती गवाही जहाँ।
धर्म ठेकेदारो ने , ..…की सदा तबाही यहाँ ।।
युद्ध परिणामों पे, ……….बहू प्रमाण है यहाँ।
मनगणन्त विषयों पे , हुए युद्ध निर्माण जहाँ।।
मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, पावन चर्च स्थान जहाँ।
ठगे जाते श्रद्धालु, ..…..धर्म नाम पर रोज जहाँ ।।
धर्म ठेकेदारों ने , ऐसा बिछाया जाल यहाँ ।
खत्म हुई श्रद्धा पूरी, हर इंसा कंगाल यहाँ ।।
सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग का सार यहाँ।
मानवता है धर्म , …….मानव उपकार यहाँ ।।
संतोष बरमैया “जय”
कुरई, सिवनी, म.प्र.