– धन घटने पर तन (रिश्ता) घटाया मत करो –
– धन घटने पर तन (रिश्ता) घटाया मत करो –
धन घटने पर मन को घटाया मत करो,
मन को इतना सख्त बनाया न करो,
किसी अपने पर इस तरह जुल्म ढहाया न करो,
रिश्तों की यह डोर बंधी होती है दिल से,
दिल की पतंग को इस मांझे से तोड़ जाया न करो,
रखो अपने मन को स्थिर हर हाल में,
धन कम ज्यादा होने पर रिश्तों को घटाया -बढ़ाया न करो,
इस तरह अपना ईमान गिराया न करो,
विश्वास किसी का तोड़ जाया न करो,
किसी के मन में अपने प्रति अविश्वास लाया न करो,
कहता है उन रिश्तेदारो से यह भरत,
गहलोत समय आने पर बेईमानी और अपनी औकात दिखाया न करो,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-