Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2023 · 1 min read

धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ

धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ लोग ऐसे भी होते हैं,जिनके एक नहीं बल्कि दो-दो,तीन-तीन माँ-बाप मिलते हैं,मगर प्यार शायद ही किसी एक से भी मिलता है । गरीबों की हालात ही ऐसी होती है कि उसे कोई चाहता ही नहीं,भले ही वो किसी को कितना भी प्यार क्यों न दे दे । जब अपनों से अपनों को दूर रहना पड़ता है तो संबंधों की गहराईयाँ ना जाने क्यों कुछ लोगों के लिए बहुत कम हो जाती है और कुछ फर्क भी नहीं पड़ता । लेकिन कुछ लोगों को तो फर्क पड़ता है मगर वो ताना देने से चूकते भी नहीं और साफ-साफ कुछ कहते भी नहीं ।।

505 Views

You may also like these posts

दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
Acharya Shilak Ram
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
bharat gehlot
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
Moin Ahmed Aazad
*सत्य  विजय  का पर्व मनाया*
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अवध किशोर 'अवधू'
शोर बहुत करती हैं,
शोर बहुत करती हैं,
Shwet Kumar Sinha
3159.*पूर्णिका*
3159.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
True is dark
True is dark
Neeraj Agarwal
संग सबा के
संग सबा के
sushil sarna
क्यों बे ?
क्यों बे ?
Shekhar Deshmukh
मुझे शिकायत है
मुझे शिकायत है
Sudhir srivastava
#लघुकविता- (चेहरा)
#लघुकविता- (चेहरा)
*प्रणय*
** दूर कैसे रहेंगे **
** दूर कैसे रहेंगे **
Chunnu Lal Gupta
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
अद्वितीय गुणगान
अद्वितीय गुणगान
Dushyant Kumar
"जिन्दगी के इस युद्ध में अपने हिस्से आये कृष्ण को संभाले रखन
पूर्वार्थ
* मुक्तक* *
* मुक्तक* *
surenderpal vaidya
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
नज़र बूरी नही, नजरअंदाज थी
संजय कुमार संजू
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
Loading...