*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)
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धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के
1)
दुनिया में उज्ज्वल भारत ने, छवि जिनसे ही पाई
वेद उपनिषद गीता की शुचि, जिनमें थी गहराई
भाई और बहन कहकर शुभ, संबोधन था आता
कहा सनातन धर्म जोड़ता, हर मानव से नाता
झंडे गाड़े अमरीका में, भारत मॉं की शान के
2)
बोले सारी नदियॉं जैसे, बह समुद्र तक जातीं
वैसे ही अध्यात्म-दृष्टियॉं, एक ईश तक लातीं
बतलाया यह सब के अंदर, एक ईश को पाओ
सेवा होती परम धर्म है, पूजा-सम अपनाओ
गुण-ग्राहक बन जाओ जग में, मानव की मुस्कान के
3)
उनके गुरु थे रामकृष्ण जो, परमहंस कहलाते
जो समाधि में ईश्वर को ही, स्वयं देखकर आते
हुई विवेकानंद शिष्य को, प्रभु अनुभूति अनूठी
समझ गए ईश्वर बस सच्चा, बाकी दुनिया झूठी
पाए अद्भुत तत्व इस तरह, ईश्वर की पहचान के
धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451