*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)
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1)
धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं
दशरथ-कौशल्या के सचमुच, अनुपम पुण्य महान हैं
2)
मंदिर में कौशल्यानंदन, रामलला बन आए
भाग्य अयोध्या के फिर जागे, त्रेता हुए सामान हैं
3)
रामराज्य था शासन जिनका, जन-जन को हितकारी
अभिनंदन जिसके शुभ सुंदर, गरिमामयी विधान हैं
4)
नींव तपस्या के कार्यों से, भरत लाल ने डाली
चरण पादुकाऍं रघुवर की, सभी गुणों की खान हैं
5)
दृश्य अलौकिक तीर्थ अयोध्या, श्री राम दरबार का
इसके रक्षक सदा-सर्वदा, गदा लिए हनुमान हैं
6)
भारत के आदर्श विश्व को, राह दिखाने वाले
रामचंद्र प्रभु की लीला में, जग के सभी निदान हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451