धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्चितायां परलोकमार्गे कर्मोनुगो गच्छति जीव एकः॥
धन भूमि पर, पशु गोष्ठ में, पत्नी घर में, संबन्धी श्मशान में, और शरीर चिता पर रह जाता है। केवल कर्म ही है जो परलोक के मार्ग पर साथ-साथ आता है।