Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2020 · 1 min read

धनतेरस

जुड़ी कथा धनतेरस की , धन्वन्तरि के साथ
आये सुवर्ण कुम्भ को , लेकर अपने हाथ

कुबेर किरपा होय जब , गरीब पाये खूब
भरे पेट हो उदर जब, होय नहीं कछु ऊब

Language: Hindi
73 Likes · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
लक्ष्मी सिंह
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
Ranjeet kumar patre
"साजन लगा ना गुलाल"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
मन मेरे तू सावन सा बन....
मन मेरे तू सावन सा बन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
गोविंदा श्याम गोपाला
गोविंदा श्याम गोपाला
Bodhisatva kastooriya
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दिल तेरी राहों के
दिल तेरी राहों के
Dr fauzia Naseem shad
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
सबूत ना बचे कुछ
सबूत ना बचे कुछ
Dr. Kishan tandon kranti
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
शिव-शक्ति लास्य
शिव-शक्ति लास्य
ऋचा पाठक पंत
दिल जल रहा है
दिल जल रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
Pushpraj Anant
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
*कोरोना- काल में शादियाँ( छह दोहे )*
*कोरोना- काल में शादियाँ( छह दोहे )*
Ravi Prakash
किसी औरत से
किसी औरत से
Shekhar Chandra Mitra
कितनी भी हो खत्म हो
कितनी भी हो खत्म हो
Taj Mohammad
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*Author प्रणय प्रभात*
3064.*पूर्णिका*
3064.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
आवारगी मिली
आवारगी मिली
Satish Srijan
हिंदी दिवस की बधाई
हिंदी दिवस की बधाई
Rajni kapoor
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
Acharya Rama Nand Mandal
यह कलयुग है
यह कलयुग है
gurudeenverma198
Loading...