धडकनों _के बिना रह ना पाऊंगा में
संग तू जो मेरे तो है ये जिंदगी
संग तू जो नहीं तो रह ना पाऊंगा में
संग रहने का वादा करे ना करे
सच कहूं तेरे बिन रह ना पाऊंगा में
सच कहूं तुझसे ही तो मिली जिंदगी
जो कहा वो कभी कह ना पाऊंगा में
तुझसे ही मेरे दिल की चले धड़कने
धडकनों _के बिना रह ना पाऊंगा में
ज़ुल्म दुनिया के सहने की ताकत नहीं
ज़ुल्म दुनिया के फिर सह ना पाऊंगा में
राधे”कृष्णा” सा मीरा सा ये प्रेम है
आज के बाद फिर कह ना पाऊंगा में
✍️ कृष्णकांत गुर्जर