दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
दौरे-हजीर चंद कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
=====================
हद से से ज्यादा
बढ़ रहे थे
दुनिया में जुलमो-सितम…
आदमी आदमी से
हो रहा था
बरहम……
रिश्ते नाते.सब
दौलतपे टिक गये थे
जिस के पास कुछ नहीं था
उसकी कोई औकात नही थी
और जिसके पास थी
दौलत थोड़ी सी
उस के हाथ में थी… ताकत
वो अपना इमान खो बैठा.. …
अपने दौलत के इख्तिदार
के नशे में चूरचूर
हो गया………..
सच तरफ झूठ का राज्य हो गया
शर्मो हया का
दामन चाक चाक हो गया
भाई बहनोके
रिश्तेभी
पामाल हो गये
एक दूसरेरेको नीचा
दिखा ने के मौके
आ गाये
किसी का राज
राज़ ना रहा
दौलतके तराजू
में इमान बिक गए
मर्द बेइमान औरतो के मशविरे
पर चलने लगे
बेईमानी
जुल्म करने लगे
ऐसा क्या हुआ…जो
ग़ैज़ो-ग़ज़ब मे आ
गया फिर खुदा……..
जाने किस जुल्म के ऐवज
हुआ
..इस से पहले
समझ पाती दुनिया……
अल्लाह ने कहा।
…. बस …….
ब्रेकलागाओ… रुक जाओ
अपने अपने घरोमे बैठ
जाओ
बहुत हो चूका
अबवक्त गया है
तुमे तुम्हारी औकात याद
दिला दी जाये
…
ऐ इंसान मैं
तुझे दुनिया में इसीलिये
तो नहीं भेजा था…..
सम्भाल खुद को
और अब बच
इस महामारी से…..
फिर यू हुआ के सब को
खुदा याद आ गया………shabinaZ