दो दिन का मेहमान……
तुम पत्थर फेकों मै फूल बरसाता हूं। 2
तुम जहर उगलो मै अमृत कहीं से लाता हूं।
आज़ाद तुम भी हो ,आजाद में भी हूं। 2
तुम दफनाते हो मैं अभी भी कफ़न में हूं।
आइना तेरे पास भी,आइना मेरे पास भी है। 2
तुम चेहरा देखते हो ,मैं खुद को देखता हूं।