दो क्षणिकाएं – नशा/मज़ा
दो क्षणिकाएं:-
1नशा
सिगरेट,पेप्सी, बीयर पीकर,
ड्रग्स के जाल में फंस जाये।
आज के युवा शीघ्र ही,
मकड़जाल में फंस जाये।।
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2-मज़ा
वे बोले,
शराब में बहुत
मज़ा होता है।
हमने कहा-
ठीक कहा आपने
आदमी पीकर
नाली में सोता है।।
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कवि- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक- “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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