दोहे
माफ़ करो गुस्सा छोडो तुम, हम तो हैं नादान अभी तक।।
नहीं जानते दिल की बातें कैसे पहुंचें उनके दिल तक।।
-अशोक शर्मा
कंचन मुख कजरारे नैना, चितवन सुन्दर सुखद सुहानी।
गोरी हमको भी बतला दो, आज कहाँ बिजलियाँ गिरानी।।
-अशोक शर्मा
ज़ख्म मेरे सीने के जब भर जाएंगे,
आंसू भी मोती बनकर बह जाएंगे,
ये मत पूछो किस किसने मुझको दर्द दिया,
वरना कुछ अपनों के सर झुक जाएंगे……