Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2020 · 1 min read

दोहे-2 | मोहित नेगी मुंतज़िर

सड़क बनेगी गांव तक, ख़्वाब संजोये लोग
मगर बजट तो चढ़ गया , अभियंता को भोग ।

इस पर है फ़ाइल अभी , उस पर हैं अधिकार
पांच बरस कब के गए ,चली गई सरकार।

गर्मी के आगोश में, सूख रहे हैं प्राण
आज बरस जा सांवरे, कहना मेरा मान।

अपने मतलब के लिये, नतमस्तक हैं लोग
उगते सूरज को सभी, लगा रहे हैं भोग।

बईमानी करते हुए, उम्र गई है बीत
हम को मत सिखलाइये,आप जगत की रीत।

Language: Hindi
208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"दुर्भिक्ष"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-515💐
💐प्रेम कौतुक-515💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फायदे का सौदा
फायदे का सौदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
|| हवा चाल टेढ़ी चल रही है ||
Dr Pranav Gautam
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*
*"मां चंद्रघंटा"*
Shashi kala vyas
इंसान और कुता
इंसान और कुता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
Dr fauzia Naseem shad
मारुति मं बालम जी मनैं
मारुति मं बालम जी मनैं
gurudeenverma198
छल.....
छल.....
sushil sarna
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
भारत का ’मुख्यधारा’ का मीडिया मूलतः मनुऔलादी है।
Dr MusafiR BaithA
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
■ बहुत हुई घिसी-पिटी दुआएं। कुछ नया भी बोलो ताकि प्रभु को भी
*Author प्रणय प्रभात*
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
योग दिवस पर
योग दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
??????...
??????...
शेखर सिंह
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
*┄┅════❁ 卐ॐ卐 ❁════┅┄​*
Satyaveer vaishnav
2281.पूर्णिका
2281.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
देश की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए अपने प्राणों की
Shubham Pandey (S P)
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कीलों की क्या औकात ?
कीलों की क्या औकात ?
Anand Sharma
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
Loading...