Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2023 · 2 min read

दोहे- माँ है सकल जहान

दोहे- माँ है सकल जहान
रहकर माँ के गर्भ में ,आती तन में जान।
माँ के सम्मुख तुच्छ है,मित्रो सकल जहान।।1

टाँगा मैंने कक्ष में ,जब से माँ का चित्र।
घर मंदिर सा हो गया,तब से बड़ा पवित्र।।2

जिसको जीवन में मिला,माँ से आशीर्वाद।
वही जिंदगी में सफल,और हुआ आबाद।।3

माँ का आँचल जगत में,अद्भुत और अनूप।
नहीं पहुँचती है वहाँ ,कभी ग़मों की धूप।।4

होटल में खाने गए ,आई माँ की याद।
माँ के हाथों का नहीं,आया उसमें स्वाद।।5

माँ का आदर कीजिए,बनकर रहिए भक्त।
उसके आशीर्वाद से ,परिवर्तित हो वक्त।।6

चाहे जितनी दूर हो ,पर लगती माँ पास।
दुनिया उसको मानती,प्यार भरा अहसास।।7

माँ की ममता का बहुत, याद आ रहा गाँव।
मिलती थी हमको जहाँ,नित आँचल की छाँव।।8

केवल माता की दुआ,मेरा करे बचाव।
दुनिया बैरी दे रही,बस घावों पर घाव।।9

माँ की तो हर बात में, रहता मेरा जिक्र।
वह करती है सर्वदा,ज़ाहिर अपनी फिक्र।।10

रहती है माँ की दुआ, जग में जिसके साथ।
झुका न पाता है कभी ,कोई उसका माथ।।11

घर में अल्बम में मिली,जब माँ की तस्वीर।
मिटी गरीबी हो गया ,मैं तो महा अमीर।।12

पूजा और नमाज़ की,उसको क्या दरकार।
उठकर करता हर सुबह,जो माँ का दीदार।।13

माँ की जो सेवा करे,बनकर श्रवण कुमार।
खुल जाते उसके लिए,स्वतः स्वर्ग के द्वार।।14

माँ ने यदि होती लिखी,बच्चों की तकदीर।
हिस्से में आती नहीं ,फिर तो कोई पीर।।15

बिछुड़े जब माँ पुत्र से,हो जाती बेचैन।
सदा पुत्र की याद में,रहे भिगोती नैन।।16

संतति होती जिगर का,टुकड़ा सच ये बात।
जब वह माँ से दूर हो ,मुरझा जाते गात।।17

सबसे सुन्दर पालना ,जग में माँ की गोद।
जहाँ कष्ट हर दूर हो,मिले अतुल आमोद।।18

रहें सुरक्षित सब वहाँ, और मिले आमोद।
रखती भय से मुक्त जो,वह है माँ की गोद।।19

पल में देती न्याय वह,मर्ज़ करे तकसीम।
माँ जैसा कोई नहीं, मुंसिफ और हकीम।।20
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
2 Likes · 315 Views

You may also like these posts

आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
परोपकार!
परोपकार!
Acharya Rama Nand Mandal
ख्वाबों की दुनिया तो छोड़ दो
ख्वाबों की दुनिया तो छोड़ दो
goutam shaw
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
gurudeenverma198
🙅सब एक बराबर🙅
🙅सब एक बराबर🙅
*प्रणय*
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
A mother's blessings
A mother's blessings
Pranav raj
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
*दर्द का दरिया  प्यार है*
*दर्द का दरिया प्यार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
मन बहुत चंचल हुआ करता मगर।
मन बहुत चंचल हुआ करता मगर।
surenderpal vaidya
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
Shailendra Aseem
पीड़ा का अनुमान
पीड़ा का अनुमान
RAMESH SHARMA
बे-शुमार
बे-शुमार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"अवसाद"
Dr. Kishan tandon kranti
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
मैया नवरात्रि में मुझपर कृपा करना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जीना चाहिए
जीना चाहिए
Kanchan verma
*दो दिन का जीवन रहा, दो दिन का संयोग (कुंडलिया)*
*दो दिन का जीवन रहा, दो दिन का संयोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आसमान का टुकड़ा भी
आसमान का टुकड़ा भी
Chitra Bisht
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
नज़ारे नजरों में समा जाते है ।
नज़ारे नजरों में समा जाते है ।
Rajesh vyas
क्यों
क्यों
Ragini Kumari
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
shabina. Naaz
Loading...